गुरुवार, 4 जून 2009

लेख सुझाएँ


आदरनिये ,
मैंने एक चीज़ जो ब्लोगिंग के अंदर महसूस की वो यह थी की ,लोगों ने लिखा तो बहुत ,लेकिन आज कल समय अभाव के कारण ,इतना कोई पढता नही , यह मात्र अपने आपको साबित करने जैसा है , सभी एक दूसरे को नेतिकता का मूल्य समझाते नजर आते हैं ,( इसमे भी कोई दो रायनही की हिन्दी ब्लोगिंग करने वाले ज्यादातर नेतिक ही हैं )।
मेरा उद्देश्य ब्लोगिंग के द्वारा वैचारिक उलझनों को , सुलझाना एवं स्वयं सुलझना हैं ।
कृपया कमेन्ट मे लेख सुझाएँ , ताकि मेरी जानकारी किसी के काम आ सके , और कोई मेरे काम आ सके । ज्ञान वोही जिसका प्रैक्टिकल उपयोग हो सके, नही तो बाजार में बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं , और यहाँ विसिट करने वालों में ज्यादातर समझदार लोग ही हैं । इसको किसी प्रकार से अन्यथा न लें ।
धन्यवाद ।

आपका
गगन श्रीवास्तव ।

1 टिप्पणी:

  1. gagan ji aapki samaj or desh ke sudhar ke prati jo vykulta hain us se main bahut prabhabhit hu hamare umra ki is peedi main netikta , suchita ,swabhiman jaise jeevan mulyo ka abhav hota jaa raha hain aasha hain aapka yeh chota kadam is disha main ek badi kranti ban kar deshor samaj ka maarga prashast karega....

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